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भारत की तीनों सेनाओं का खौफ... पाकिस्तानी नेवी चीफ ने विवादित सर क्रीक क्षेत्र का किया दौरा, नौसेना में शामिल किया नया हथियार

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इस्लामाबाद: भारत की तीनों सेनाओं के युद्धाभ्यास की घोषणा से पाकिस्तान घबराया हुआ है। भारत ने इस युद्धाभ्यास के लिए पाकिस्तान से लगती सर-क्रीक सीमा के पास नोटिस-टू-एयरटेम (NOTAM) जारी कर दिया है। भारत के इस ऐलान से पाकिस्तान में तनाव का माहौल है। पाकिस्तान को एक बार फिर भारत के हमले का डर सताने लगा है। इस बीच पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख नावीद अशरफ ने भारत से लगती सीमा पर स्थित विवादित सर क्रीक क्षेत्र में पाकिस्तान की अग्रिम चौकियों का दौरा किया है। उन्होंने कहा कि सर क्रीक से जिवानी तक समुद्री सीमा की संप्रभुता की रक्षा की जाएगी।

पाकिस्तान नेवी को मिला नया प्लेटफॉर्म
इस दौरान उन्होंने ब्रिटेन से मिले तीन ग्रिफन 2400TD होवरक्राफ्ट को नेवी में शामिल करने की घोषणा की। होवरक्राफ्ट प्लेटफॉर्म सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतिनिधित्व करता है, जो एक अनूठा परिचालन लाभ देता हैं। होवरक्राफ्ट को विशेष रूप से विभिन्न चुनौतीपूर्ण भूभागों पर एक साथ चलने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें उथले पानी, रेत के टीले और दलदली व दलदली तटीय क्षेत्र शामिल हैं। सर क्रीक क्षेत्र अपनी इसी विशेषता के लिए जाना जाता है।


भारत के त्रिशूल अभ्यास से पाकिस्तान इस तरह से घबराया है कि इस्लामाबाद ने सिंध और दक्षिणी कमान के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। पाकिस्तान की वायु सेना को किसी भी हमले का जवाब देने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इसके साथ ही पाकिस्तानी नेवी को भी अरब सागर में गश्त और अभियान बढ़ाने के लिए निर्देशित किया गया है।


पाकिस्तान ने जारी किया अलर्ट
पाकिस्तान ने 28-29 अक्टूबर के लिए अपने मध्य और दक्षिणी हवाई क्षेत्र में कई हवाई यातायात मार्गों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी अधिसूचना जारी की है। यह कदम भारत के 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक सर क्रीम के पास होने वाले अभ्यास के लिए NOTAM के बाद उठाया गया है। पाकिस्तान को डर है कि इन अभ्यासों का इस्तेमाल कराची से जुड़े समुद्री अवरोधक बिंदुओं और तटीय बुनियादी ढांचे को खतरे में डालने की क्षमता प्रदर्शित करने के लिए किया जा सकता है।

पाकिस्तान के लिए बड़ा खतरा
पाकिस्तान का 70 प्रतिशत व्याार कराची बंदरगाह और बिन कासिम से होकर गुजरता है। ऐसे में इसके रणनीतिक महत्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। भारत के रक्षा अभ्यास में थलसेना,नौसेना और वायुसेना शामिल हो रही हैं। त्रिशूल अभ्यास के लिए आरक्षित हवाई क्षेत्र 28,000 फीट तक फैला हुआ है। रक्षा विश्लेषक डेमियन ने इसे असामान्य बताया है। भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि इस अभ्यास का उद्देश्य सेनाओं की संयुक्त परिचालन क्षमताओं, आत्मनिर्भता और नवाचार का प्रदर्शन करना है।
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