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Vrishabha Sankranti 2025 : इन चीजों के दान से मिलेगा पितरों का विशेष आशीर्वाद, खुलेंगे सौभाग्य के द्वार!

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Vrishabha Sankranti 2025 : इन चीजों के दान से मिलेगा पितरों का विशेष आशीर्वाद, खुलेंगे सौभाग्य के द्वार!

News India Live, Digital Desk: Vrishabha Sankranti 2025 Daan: हिन्दू धर्म में वृषभ संक्रांति का बहुत अधिक महत्व होता है. यह एक महत्वपूर्ण पर्व है जो सूर्य के मेष राशि से वृषभ राशि में गोचर करने पर मनाया जाता है. यह ज्येष्ठ माह की शुरुआत का प्रतीक है. इस महीने की 15 तारीख को सूर्यदेव वृषभ राशि में गोचर में करेंगे. इस गोचर से वृषभ संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. ‘वृषभ’ का अर्थ बैल होता है और इसे भगवान शिव के वाहन नंदी से जोड़ा जाता है. इसलिए इस दिन गायों की पूजा का भी महत्व है.

दान और पुण्य कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. सूर्य इस दिन अपनी चाल बदलते हैं, इसलिए उनकी पूजा और आराधना विशेष फलदायी होती है. पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भी इस दिन दान और तर्पण किया जाता है.

वृषभ संक्रांति की पूजा विधि और अनुष्ठान

सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें. यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करना उत्तम माना जाता है. सूर्य देव को जल अर्पित करें. तांबे के बर्तन में जल, लाल चंदन और लाल फूल डालकर सूर्य मंत्रों का जाप करते हुए अर्घ्य दें. भगवान विष्णु की पूजा करें, क्योंकि वृषभ भगवान शिव से संबंधित है और इस दिन विष्णु की पूजा शुभ मानी जाती है. पितृ तर्पण करें और अपने पूर्वजों को याद करें और अपनी क्षमतानुसार दान करें. इस दिन गेहूं, लाल वस्त्र, लाल फूल, गुड़, घी और तांबे के बर्तन दान करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. जरूरतमंदों को भोजन और जल दान करना भी पुण्य का कार्य है. कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और गौशाला में जाकर गायों की सेवा करना और उन्हें चारा खिलाना भी शुभ माना जाता है.

इन चीजों का करें दान
  • गेहूं: गेहूं का दान करना समृद्धि से जुड़ा हुआ है और यह जीवन में स्थिरता प्राप्त करने में मदद कर सकता है.
  • लाल वस्त्र: लाल रंग सूर्य से संबंधित है. लाल वस्त्रों का दान करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
  • लाल फूल: लाल वस्त्रों की तरह, लाल फूल अर्पित करना और दान करना सूर्य का सम्मान करने का एक तरीका है.
  • गुड़: गुड़ को शुद्ध माना जाता है और इसका दान करने से जीवन में मिठास और सौभाग्य आता है.
  • घी: घी का उपयोग कई पवित्र अनुष्ठानों में किया जाता है और इसका दान करना शुभ माना जाता है.
  • तांबे के बर्तन: तांबा सूर्य से जुड़ी धातु है. तांबे के बर्तन दान करना लाभकारी हो सकता है.
  • जरूरतमंदों को भोजन: गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराना इस दिन अत्यंत पुण्य का कार्य माना जाता है और इससे पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है.
  • जल: जल का दान करना या जरूरतमंदों को पानी पिलाना, खासकर जब गर्मी शुरू हो रही हो, एक पुण्य कार्य है. आप गंगाजल को सामान्य पानी में मिलाकर भी दान कर सकते हैं.
  • धन: जरूरतमंदों या धर्मार्थ कार्यों के लिए धन का दान करना हमेशा एक अच्छा कार्य है.
वृषभ संक्रांति का महत्व

वृषभ संक्रांति के मौके पर गंगा जैसी पवित्र नदी में स्नान करना या घर पर अपने स्नान के पानी में गंगाजल मिलाना बहुत शुभ माना जाता है. स्नान के बाद तांबे के बर्तन से सूर्य देव को जल अर्पित करें, जिसमें लाल फूल और गुड़ मिलाएं. वृषभ (बैल) भगवान शिव और नंदी से जुड़ा है, और यह दिन गायों के लिए भी महत्वपूर्ण है, इसलिए भगवान विष्णु की पूजा करना भी समग्र कल्याण और पूर्वजों की शांति के लिए लाभकारी माना जाता है. इस समय अपने पूर्वजों का सम्मान और उन्हें प्रसन्न करने के लिए अनुष्ठान (पितृ तर्पण) करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है.

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