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EPFO का बड़ा फैसला! अब जन्मतिथि में मामूली अंतर पर खारिज नहीं होंगे PF क्लेम, लाखों कर्मचारियों को मिली राहत

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EPFO का बड़ा फैसला! अब जन्मतिथि में मामूली अंतर पर खारिज नहीं होंगे PF क्लेम, लाखों कर्मचारियों को मिली राहत

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों अंशधारकों को एक बड़ी राहत दी है। अब प्रॉविडेंट फंड (PF) निकालने, ट्रांसफर करने या अन्य किसी भी क्लेम के दौरान जन्मतिथि (Date of Birth) में मामूली अंतर होने पर आपका आवेदन खारिज नहीं किया जाएगा। EPFO ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण सर्कुलर जारी किया है, जिससे उन लाखों कर्मचारियों को फायदा होगा जिनके EPFO रिकॉर्ड और आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि में थोड़ा-बहुत अंतर था।

क्या है नया नियम?
नए निर्देशों के अनुसार:

  • अगर EPFO के रिकॉर्ड और आपके आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि में तीन साल तक का अंतर है, तो भी आपका क्लेम प्रोसेस किया जाएगा और खारिज नहीं होगा। इसका मतलब है कि अगर सिर्फ कुछ दिनों, महीनों या एक-दो साल का भी फर्क है, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है।

  • EPFO अब आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि को ही प्राथमिक और सही मानेगा, बशर्ते कि यह अंतर तीन साल की सीमा के भीतर हो।

  • इसके लिए EPFO सिस्टम में ज़रूरी बदलाव किए जाएंगे ताकि ऐसे मामलों में क्लेम अपने आप रिजेक्ट न हों।

पहले क्या होती थी परेशानी?
इससे पहले, अगर किसी कर्मचारी के EPFO खाते में दर्ज जन्मतिथि और आधार कार्ड में दी गई जन्मतिथि में जरा सा भी अंतर होता था, तो उनका PF क्लेम अक्सर अटक जाता था या खारिज कर दिया जाता था। कर्मचारियों को इसे ठीक करवाने के लिए काफी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे और कई तरह के दस्तावेज जमा करने पड़ते थे, जिसमें काफी समय और परेशानी होती थी। कई बार तो लोग इस वजह से अपने हक का पैसा भी समय पर नहीं निकाल पाते थे।

इस फैसले का क्या है मकसद?
EPFO के इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्लेम सेटलमेंट की प्रक्रिया को और आसान और तेज़ बनाना है। इससे न केवल कर्मचारियों का समय बचेगा बल्कि EPFO के ऊपर से भी काम का बोझ कुछ कम होगा। यह ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ (जीवन को सुगम बनाने) की दिशा में एक सराहनीय कदम है।

क्या करें अगर अंतर तीन साल से ज़्यादा हो?
अगर आपकी जन्मतिथि में अंतर तीन साल से ज़्यादा है, तो आपको इसे ठीक करवाने के लिए पहले की तरह ही प्रक्रिया का पालन करना पड़ सकता है। इसके लिए आपको अपने नियोक्ता (employer) और EPFO के दफ्तर से संपर्क करना होगा और ज़रूरी दस्तावेज जमा करने होंगे।

यह फैसला निश्चित रूप से लाखों पीएफ अंशधारकों के लिए एक बड़ी राहत है, जो जन्मतिथि में मामूली गलतियों की वजह से परेशान होते थे।

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