इंटरनेट डेस्क। रूस के साथ भारत की नजदिकियों को देख अमेरिका को परेशानी हो रही है। रूस से तेल की खरीद को लेकर अमेरिका ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है। अब वाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा है कि भारत ने रूस और चीन से करीबी बढ़ा ली है, जिसके कारण उसे हथियार बेचना जोखिम भरा हो गया है। वहीं, भारत ने साफ किया है कि तेल खरीदने को लेकर उसे अनुचित तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।
क्या कहा
विदेश मंत्रालय ने बताया था कि अमेरिका और यूरोपीय संघ भी रूसी सामान के खरीदार हैं। फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में वाइट हाउस के व्यापारिक मामलों के सलाहकार पीटर नवारो ने लिखा है नई दिल्ली अब रूस और चीन दोनों के करीब जा रहा है। उन्होंने लिखा, अगर भारत एक रणनीतिक साझेदार की तरह हमसे व्यवहार चाहता हैं, तो उसे वैसे काम भी करने चाहिए।
ट्रंप भी कह चुके हैं
इससे पहले कई मौकों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी रूसी तेल की खरीदी को लेकर भारत पर निशाना साध चुके हैं। नवारो ने लिखा, भारत रूसी तेल के सबसे बड़े उपयोगकर्ता के रूप में काम कर रहा है। वह कच्चे तेल को महंगे निर्यात में बदल रहा है और मॉस्को को डॉलर थमा रहा है, जिसे उसकी जरूरत है। उन्होंने कहा कि रूस और चीन के साथ भारत के करीबी रिश्तों के चलते अमेरिकी सैन्य क्षमताओं को भारत को सौंपना जोखिम भरा है।
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