इंटरनेट डेस्क। आज देशभर में देव दिवाली मनाई जा रही है। आज 5 नवंबर को 5 अद्भुत संयोग बन रहे हैं, देव दिवाली के अवसर पर भगवान शिव की पूजा करते हैं, सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में घर, मंदिर, गंगा के तट पर दीपक जलाते हैं, इस बार देव दिवाली पर 5 अद्भुत संयोग बने हैं। इस दिन घर पर देव दिवाली मनाने के लिए कुछ विशेष जगहों पर दीपक जलाना शुभ फलदायी होता है।
देव दिवाली पर 5 अद्भुत संयोग
देव दिवाली पर कार्तिक पूर्णिमा का पुण्यदायी स्नान है,.
आज के दिन गुरु अपनी उच्च राशि में हंसराजयोग बना रहे हैं
तुला में शुक्र, कुंभ में राहु और वृश्चिक में मंगल से रूचक राजयोग है
तुला में सूर्य-शुक्र के संयोग से शुक्रादित्य योग बना है
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग है, इसके अलावा सिद्धि योग भी बना ह.
देव दिवाली शुभ मुहूर्त
देव दिवाली कार्तिक पूर्णिमा को मनाते हैं
कार्तिक पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 4 नवंबर, मंगलवार, रात 10.36 बजे से
कार्तिक पूर्णिमा तिथि का समापन आज 5 नवंबर, बुधवार, शाम 6.48 बजे
देव दिवाली पर दीप जलाने का शुभ समय शाम 5.15 बजे से 7.50 बजे तक
देव दिवाली पूजा विधि
देव दिवाली पर शुभ मुहूर्त में स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें, उसके बाद पूजा स्थान की साफ सफाई कर लें। भगवान शिव या शिवलिंग का सबसे पहले गंगाजल से अभिषेक करें, फिर अक्षत, चंदन, फूल, माला, बेलपत्र, भांग, धतूरा, आक के फूल, गाय के दूध, शहद, फल, नैवेद्य, धूप आदि अर्पित करें। शिव चालीसा का पाठ करें, देव दिवाली की कथा सुनें, जिसमें भगवान शिव त्रिपुरासुर का वध करते हैं।
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