केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो कर्मचारियों की सैलरी में न केवल इजाफा होगा, बल्कि हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में भी अच्छी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
हर वेतन आयोग के लागू होने पर सैलरी स्ट्रक्चर के साथ-साथ डीए (महंगाई भत्ता), फिटमेंट फैक्टर और एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) में बदलाव होते हैं। अब जब 8वें वेतन आयोग की चर्चा तेज़ हो रही है, तो कर्मचारियों की नज़रें इस बात पर टिकी हैं कि HRA में क्या बदलाव होगा।
अब तक कैसे बदले हैं HRA के नियम?6वें वेतन आयोग में HRA की दरें इस प्रकार तय की गई थीं:
- X शहर के लिए 30%,
- Y शहर के लिए 20%,
- Z शहर के लिए 10%।
7वें वेतन आयोग में इसे संशोधित करते हुए नई दरें तय की गईं:
- X शहर के लिए 24%,
- Y शहर के लिए 16%,
- Z शहर के लिए 8%।
लेकिन जैसे ही डीए 50% के आंकड़े को पार कर गया, HRA फिर से बढ़ाकर 30%, 20% और 10% कर दिया गया। इसका मतलब है कि HRA की दरें सीधे तौर पर डीए और बेसिक पे से जुड़ी होती हैं। इसी वजह से, जब 8वां वेतन आयोग लागू होगा, तो बेसिक पे और डीए के नए ढांचे के अनुसार HRA की दरों की भी समीक्षा की जाएगी।
नए फिटमेंट फैक्टर से HRA में इजाफा तय8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 1.92 तक बढ़ाने की चर्चा है। इसका सीधा असर कर्मचारियों के बेसिक वेतन पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, यदि अभी किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹30,000 है, तो नए फिटमेंट फैक्टर से यह ₹57,600 हो जाएगी (30,000 × 1.92)। और जब बेसिक पे बढ़ेगा, तो उसी आधार पर HRA की राशि भी बढ़ जाएगी।
सरकार क्यों करती है HRA में बदलाव?एचआरए की दरों में बदलाव के पीछे कुछ मुख्य कारण होते हैं:
जैसे-जैसे महंगाई बढ़ती है, किराया भी बढ़ता है। इसी को बैलेंस करने के लिए सरकार HRA में बढ़ोतरी करती है।
हर नए वेतन आयोग के बाद बेसिक पे स्ट्रक्चर बदल जाता है। पुराने HRA रेट नए सैलरी ढांचे में फिट नहीं बैठते, इसलिए उनमें संशोधन किया जाता है।
सरकार समय-समय पर X, Y और Z कैटेगरी की सूची को अपडेट करती है। जैसे ही किसी शहर की कैटेगरी बदलती है, वहां कार्यरत कर्मचारियों का HRA भी बदल जाता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग में HRA दरों में बदलाव की संभावना बहुत ज्यादा है। हर वेतन आयोग में HRA दरें फिर से तय होती हैं और इस बार भी ऐसा ही होने की पूरी उम्मीद है। चर्चा यह भी है कि इसे डीए के साथ लिंक किया जाएगा, जिससे डीए के 25% और 50% तक पहुँचने पर HRA में अपने आप संशोधन हो सकेगा, जैसा वर्तमान में होता है।
यह फैसला केंद्रीय कर्मचारियों के लिए निश्चित तौर पर फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे उनकी सैलरी में अच्छा खासा इजाफा देखने को मिलेगा और खर्चों का बोझ भी कुछ कम होगा। अब सबकी नजरें 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों पर टिकी हुई हैं।
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