अगर आपका कोई ट्रैफिक चालान लंबित है या फिर आपको किसी अन्य कानूनी मामले में नोटिस मिला है, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। 13 सितंबर को देशभर में लोक अदालत (Lok Adalat) लगने जा रही है, जिसमें कई पुराने मामलों का निपटारा जल्दी और आसानी से हो सकेगा। इस अदालत में कई मामलों की सुनवाई होती है। जानिए क्या आपका मामला इस अदालत में निपट सकता है या नहीं।
क्या चालान माफ हो सकते हैं?कई लोगों के ट्रैफिक चालान या छोटे-मोटे कानूनी मामले कई महीनों से लंबित हैं। इन मामलों को अब लोक अदालत में रखा जाएगा, जहां समझौते के आधार पर चालान की राशि माफ या कम की जा सकती है।
क्यों खास है 13 सितंबर?इस दिन राष्ट्रीय लोक अदालत लगने जा रही है। इसमें ट्रैफिक चालान, बिजली-पानी के बिल, बैंक रिकवरी, छोटे कोर्ट केस और अन्य सिविल मामलों का निपटारा बिना लंबी अदालती प्रक्रिया के किया जाएगा।
लोक अदालत में ट्रैफिक चालान और अन्य मामलों की सुनवाई
- छोटे-मोटे चालानों में बिना हेलमेट बाइक चलाना, बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना, ओवरस्पीडिंग (अगर मामला गंभीर नहीं है), रेड लाइट जंप करना, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना, ट्रैफिक सिग्नल की अवहेलना और नो पार्किंग स्पॉट में वाहन खड़ा करना शामिल है।
- इसके अलावा लंबित ऑनलाइन या मैनुअल चालान जिनका भुगतान नहीं किया गया है, कोर्ट ड्यूज है या ऐसे चालान जिनका मामला कोर्ट में लंबित है। ऐसे मामलों को लेकर आप लोक अदालत में पेश हो सकते हैं।
- ट्रैफिक चालान के अलावा यह अदालत बैंक लोन रिकवरी, बकाया बिजली या पानी का बिल, चेक बाउंस के मामले, पारिवारिक विवाद (अगर दोनों पक्ष सहमत हैं), छोटे-मोटे मामले और सिविल मामले (जिनमें समझौता संभव है) निपटाती है।
- लोक अदालत में केस का समाधान कैसे होता है?
- दोनों पक्षों को लोक अदालत में बुलाया जाता है। समझौते के आधार पर समाधान निकाला जाता है। फैसले को कोर्ट का फैसला माना जाता है। इसमें वकील की जरूरत नहीं होती और समय की भी बचत होती है। अगर आप ट्रैफिक चालान का केस लेकर जा रहे हैं तो केस को सही तरीके से देखा जाएगा कि आपका वाहन किसी दुर्घटना या किसी घटना से संबंधित तो नहीं है।
आप 13 सितंबर को होने वाली लोक अदालत के बारे में अपने जिला न्यायालय की वेबसाइट या अखबार से जानकारी ले सकते हैं। इसके लिए आपको पहले ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्टर करना होगा और टोकन नंबर जनरेट करना होगा। इसके बाद आपको अपॉइंटमेंट लेना होगा। समय पर लोक अदालत में पहुंचें और अपना केस दर्ज कराएं। अगर समझौता हो जाता है तो आपका चालान पूरी तरह से माफ हो सकता है।
लोक अदालत में माफ नहीं होने वाले चालानशराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले, दुर्घटना से संबंधित चालान, बार-बार अपराध करने वाले (रिपीट ऑफेंडर्स), जिसमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा हो, जिन पर सख्त अदालती आदेश लागू होता है। ऐसे चालान लोक अदालत में निपटाए नहीं जाते।
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