देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून की गतिविधियां इस समय काफी सक्रिय हैं। मौसम विभाग की ताज़ा जानकारी के अनुसार, मानसून द्रोणिका इस समय गंगानगर, पिलानी, दतिया, सतना, डाल्टनगंज और दीघा से होते हुए उत्तर–पूर्व बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है।
इसके अलावा, उत्तर–पूर्व बंगाल की खाड़ी और म्यांमार तट पर ऊपरी हवा में चक्रीय परिसंचरण (सायक्लोनिक सर्कुलेशन) बना हुआ है, जो लगभग 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई तक सक्रिय है। इस सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई जा रही है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह कम दबाव का क्षेत्र आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के मध्य हिस्सों में भारी बारिश का कारण बनेगा। इसके प्रभाव से राज्य के कई जिलों में तेज बारिश के साथ-साथ बिजली चमकने और गर्जन की घटनाएं भी देखने को मिल सकती हैं।
मौसम विभाग ने आम जनता से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि नागरिकों को नदी किनारे और जलभराव वाले इलाकों में जाने से बचना चाहिए। साथ ही किसानों को भी फसल और कृषि कार्यों के लिए मौसम के अनुकूल कदम उठाने की सलाह दी गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम के कारण आने वाले 2-3 दिनों में छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि मानसून की यह गतिविधि सामान्य से अधिक सक्रिय रहने के संकेत देती है, जिससे राज्य में मौसम की स्थिति में अस्थिरता बनी रहेगी।
इस समय मौसम विभाग लगातार सिस्टम की मॉनिटरिंग कर रहा है और आने वाले अपडेट के आधार पर राज्यों को चेतावनी जारी कर रहा है। नागरिकों और किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे मौसम विभाग द्वारा जारी की जाने वाली चेतावनियों पर ध्यान दें और सुरक्षा के उपाय अपनाएं।
मानसून की यह सक्रियता छत्तीसगढ़ के लिए बारिश और जलस्तर बढ़ाने के साथ-साथ कृषि और जलस्रोतों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है। हालांकि, प्रशासन ने भी नदी किनारे और जलभराव वाले क्षेत्रों में सतर्क रहने का निर्देश जारी किया है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
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