रूस ने हाल ही में एक ऐसी मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जिसके बारे में उसका दावा है कि वह अजेय है। इसे बुरेवेस्टनिक कहा जाता है, जिसे नाटो देश स्काईफॉल कहते हैं। यह एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली क्रूज मिसाइल है जो परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि यह किसी भी मिसाइल रक्षा प्रणाली को चकमा दे सकती है। लेकिन क्या यह वाकई इतनी खतरनाक है?
बुरेवेस्टनिक क्या है?
बुरेवेस्टनिक एक क्रूज मिसाइल है, लेकिन यह पारंपरिक मिसाइलों से बिल्कुल अलग है। यह एक छोटे परमाणु रिएक्टर से लैस है, जिससे इसकी मारक क्षमता असीमित है। पारंपरिक मिसाइलें ईंधन खत्म होने पर रुक जाती हैं, लेकिन यह मिसाइल हफ्तों या महीनों तक उड़ सकती है।
नाम का अर्थ: बुरेवेस्टनिक का रूसी में अर्थ "स्टॉर्म पेट्रेल" होता है। यह पक्षी तूफान के आने का संकेत देता है, ठीक उसी तरह जैसे यह मिसाइल अलार्म बजाती है।
आकार और गति: यह लगभग Kh-101 मिसाइल जितनी बड़ी है (लगभग 7-8 मीटर लंबी)। इसकी गति 1300 किमी/घंटा है। यह बहुत कम ऊँचाई (50-100 मीटर) पर उड़ता है, जिससे रडार के लिए इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
हथियार: इसमें एक परमाणु हथियार लगाया जा सकता है, जिससे भीषण विस्फोट हो सकता है। रूस का दावा है कि यह इतिहास की पहली परमाणु ऊर्जा से चलने वाली मिसाइल है।
यह मिसाइल अमेरिका या नाटो की मिसाइल सुरक्षा को बेअसर करने के लिए डिज़ाइन की गई है।
यह कैसे काम करती है?
आम तौर पर क्रूज़ मिसाइलें जेट इंजन से चलती हैं, लेकिन ब्यूरवेस्टनिक का राज़ इसके परमाणु प्रणोदन में है।
कार्य सिद्धांत: एक छोटा परमाणु रिएक्टर हवा को गर्म करता है, जिससे मिसाइल फैलती है और आगे बढ़ती है। इससे ईंधन की चिंता दूर हो जाती है - यह पृथ्वी की कई बार परिक्रमा कर सकती है।
रेंज: 20,000 किलोमीटर या उससे ज़्यादा। हाल ही में हुए एक परीक्षण में, इसने 14,000 किलोमीटर की उड़ान भरी।
गतिशीलता: यह उड़ते समय अपना रास्ता बदल सकती है। यह कम ऊँचाई पर घुमावदार प्रक्षेप पथ अपना सकती है। अमेरिकी THAAD या एजिस सिस्टम बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, लेकिन यह आसानी से उनसे बच सकती है।
खतरा: अगर यह दुर्घटनाग्रस्त होता है, तो इससे रेडियोधर्मी रिसाव हो सकता है। अमेरिकी विशेषज्ञ इसे "उड़ता हुआ चेरनोबिल" कहते हैं क्योंकि इससे 1986 के चेरनोबिल आपदा जैसा भारी पर्यावरणीय नुकसान हो सकता है।
विकास की कहानी: इसकी शुरुआत कब हुई और इसे किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
रूस दशकों से उन्नत हथियारों में निवेश करता रहा है। बुरेवेस्टनिक परियोजना 2000 के दशक में शुरू हुई थी, लेकिन पुतिन ने इसे पहली बार 1 मार्च, 2018 को एक भाषण में पेश किया था। उन्होंने कहा था कि यह अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली को बेअसर कर देगा।
परीक्षण इतिहास...
2016 से अब तक कम से कम 13 परीक्षण किए जा चुके हैं, लेकिन केवल दो ही आंशिक रूप से सफल रहे।
2018: पहला सफल परीक्षण प्रदर्शित किया गया, लेकिन कई प्रक्षेपण विफल रहे।
2019: आर्कटिक में एक विस्फोट में पाँच रूसी वैज्ञानिकों की मौत हो गई।
2025: पुतिन ने अंतिम परीक्षण को सफल घोषित किया।
चुनौतियाँ: एक परमाणु रिएक्टर को छोटा और सुरक्षित बनाना मुश्किल है। विकिरण नियंत्रण, इंजन स्थिरता और दुर्घटना की रोकथाम प्रमुख चुनौतियाँ हैं। एक अमेरिकी रिपोर्ट (NASIC 2020) में कहा गया है कि अगर यह सफल रहा, तो रूस को एक अनोखा हथियार मिलेगा। अमेरिका ने 1950 और 1960 के दशक में भी इसी तरह की एक परियोजना (SLAM) का प्रयास किया था, लेकिन जोखिमों के कारण इसे छोड़ दिया गया था।
2025 अपडेट: नए परीक्षण और तैयारियाँ
Burevestnik 2025 में फिर से चर्चा में है। उपग्रह चित्र नए परीक्षणों का संकेत देते हैं।
मुख्य परीक्षण स्थल: नोवाया ज़ेमल्या आर्कटिक द्वीपसमूह में पैंकोवो रेंज। जुलाई-अगस्त में शिपिंग कंटेनर, जहाज और विमान इकट्ठे किए गए। रेडियोधर्मी पदार्थों को संभालने के लिए रोसाटॉम जहाजों को तैनात किया गया है।
दूसरा स्थल: मास्को के उत्तर में वोलोग्दा-20। यहाँ नौ प्रक्षेपण स्थल बनाए जा रहे हैं, साथ ही परमाणु हथियार भंडारण भी।
हाल के परीक्षण
अगस्त 2025 में हवाई क्षेत्र बंद (7-12 अगस्त, फिर 6 सितंबर तक बढ़ा दिया गया)। अमेरिकी WC-135 परमाणु खोजी विमानों ने बैरेंट्स सागर पर निगरानी की। 26 अक्टूबर, 2025: पुतिन ने परीक्षण सफल होने की घोषणा की – मिसाइल ने 15 घंटे तक उड़ान भरी और 14,000 किलोमीटर की दूरी तय की। रूस अब इसे तैनात करने की तैयारी कर रहा है। यार्स और सिनेवा बैलिस्टिक मिसाइलों का भी परीक्षण किया गया।
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