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एटा में जीएसटी रिफंड घोटाला, 5 फर्मों और 3 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज

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उत्तर प्रदेश के एटा जिले में जीएसटी रिफंड के नाम पर एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। राज्य कर विभाग ने पांच फर्मों और तीन अधिकारियों के खिलाफ फर्जीवाड़े और सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुँचाने के आरोप में कोतवाली शहर में मामला दर्ज कराया है। यह कार्रवाई उपायुक्त, राज्य कर, खंड-1, एटा के आदेश पर की गई है, जिसने इस मामले को गंभीरता से लिया और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई।

फर्जीवाड़े का खुलासा और बड़ी कार्रवाई

जीएसटी रिफंड घोटाला सामने आने के बाद राज्य कर विभाग ने जांच तेज कर दी थी, जिसमें पांच फर्मों ने फर्जी तरीके से जीएसटी रिफंड के लिए आवेदन किया था। इन फर्मों के साथ कुछ सरकारी अधिकारियों की भी संलिप्तता पाई गई है, जिन्होंने घोटाले में सहयोग किया। जांच में यह पाया गया कि इन फर्मों द्वारा जीएसटी रिफंड के नाम पर झूठी जानकारी दी गई और इससे सरकारी खजाने को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ।

राज्य कर विभाग ने इस घोटाले के मामले में तीन सरकारी अधिकारियों को भी आरोपित किया है, जो रिफंड की प्रक्रिया में कथित रूप से शामिल थे। विभाग ने इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए उन्हें आरोपी बनाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, कोतवाली शहर में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और आगे की जांच जारी है।

कोरोड़ों रुपये का नुकसान

इस घोटाले से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, जो कि राज्य के आर्थिक ढांचे के लिए एक बड़ा झटका है। इस प्रकार के घोटाले न केवल सरकार की नीतियों को कमजोर करते हैं, बल्कि नागरिकों के विश्वास को भी हिलाते हैं। राज्य कर विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष उपाय किए हैं कि भविष्य में इस तरह के मामलों की पुनरावृत्ति न हो।

आगे की कार्रवाई और जांच

अब मामले की जांच पूरी तरह से जारी है और राज्य कर विभाग की टीम ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश देना शुरू कर दिया है। जांच में शामिल अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा, सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह इस घोटाले में दोषी पाए जाने वाले सभी आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी।

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