देश के दो अलग-अलग हिस्सों से महिलाओं पर हुए अत्याचार की खबरों ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है। तमिलनाडु के कुड्डालोर जिले में एक महिला को पेड़ से बांधकर चार महिलाओं ने बेरहमी से पीटा और उसके कपड़े तक फाड़ दिए। वहीं, उत्तर प्रदेश के हरदोई में बच्चों के झगड़े ने इतना खतरनाक रूप ले लिया कि एक महिला की लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इन घटनाओं ने समाज और प्रशासन दोनों के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
तमिलनाडु: जमीन विवाद में महिला को पेड़ से बांधकर पीटाकुड्डालोर जिले में जमीन विवाद ने महिला की जिंदगी को नरक बना दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार महिलाओं ने पहले पीड़िता को उसकी ही साड़ी से पेड़ से कसकर बांध दिया। इसके बाद उसे लाठी-डंडों से इतना पीटा गया कि वह लहूलुहान हो गई। हैरानी की बात यह रही कि इस दौरान आरोपियों ने उसका ब्लाउज भी फाड़ डाला ताकि उसे और अधिक अपमानित किया जा सके।
हद तो तब हो गई, जब इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। वीडियो सामने आते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया, जबकि तीन अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।
जांच अधिकारियों का कहना है कि जमीन विवाद ही इस हमले की जड़ है। फिलहाल पुलिस बाकी आरोपियों की तलाश में जुटी है और मामले की गहन जांच कर रही है।
उत्तर प्रदेश: हरदोई में महिला की पीट-पीटकर हत्याउत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बच्चों के बीच खेल-खेल में हुआ विवाद खून-खराबे में बदल गया। बताया जाता है कि बच्चों के झगड़े के बाद दो परिवार आमने-सामने आ गए। गुस्से में एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के घर पर धावा बोल दिया और 40 वर्षीय महिला रहमानि उर्फ आलिया पर लाठी-डंडों और लोहे की रॉड से बर्बरतापूर्वक हमला कर दिया।
महिला गंभीर रूप से घायल होकर वहीं गिर पड़ी। उसकी चीखें सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक हमलावर फरार हो चुके थे। घायल महिला को आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
सर्किल ऑफिसर अनीत मिश्रा के अनुसार, मृतका के पति रज्जाक ने चार लोगों के खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई है। आरोपियों में मुशफ्फर, शेर अली, नसीम और एक नाबालिग शामिल हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश जारी है।
समाज और प्रशासन पर सवालइन दोनों घटनाओं ने समाज में महिला सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता पैदा कर दी है। एक तरफ जमीन विवाद जैसी पुरानी दुश्मनी ने महिला को अमानवीय हिंसा का शिकार बना दिया, वहीं दूसरी तरफ बच्चों की छोटी-सी लड़ाई ने एक महिला की जान ले ली।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाएं सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल नहीं उठातीं, बल्कि समाज की मानसिकता को भी उजागर करती हैं, जहां गुस्सा और रंजिश इतनी हावी हो जाती है कि महिलाएं सबसे आसान निशाना बन जाती हैं।
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