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यूपी के सोनभद्र में पति-पत्नी की जंगल में हुई त्रासद मौत, कुल्हाड़ी से पत्नी की हत्या के बाद आरोपी ने फांसी लगाकर दी जान

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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से एक दर्दनाक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक व्यक्ति ने अपने ही पत्नी पर कुल्हाड़ी से हमला कर उसकी हत्या कर दी और इसके बाद खुद भी जंगल में उसकी साड़ी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह दर्दनाक घटना बरकोनिया थाना क्षेत्र के सितारखांड के जंगलों में घटी। पुलिस ने दोनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

चिरौंजी बीनने गए थे जंगल

मिली जानकारी के अनुसार, राजेंद्र गुर्जर और उसकी पत्नी रीता, जो कि रामपुर बरकोनिया थाना क्षेत्र के पलपल गांव के निवासी थे, बुधवार को जंगल में चिरौंजी बीनने गए थे। चिरौंजी एक महत्त्वपूर्ण वनस्पति है, जिसे अक्सर आर्थिक गतिविधियों के लिए जंगल में इकट्ठा किया जाता है। दोनों का मकसद जंगल से चिरौंजी बीनना था, लेकिन वहां उनकी बातचीत अचानक विवाद में बदल गई।

विवाद के बाद पत्नी की हत्या

अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि जंगल में हुई इस घटना के दौरान राजेंद्र और रीता के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। गुस्से में आकर राजेंद्र ने कुल्हाड़ी से अपनी पत्नी रीता के गर्दन पर हमला कर दिया। कुल्हाड़ी के इस जानलेवा वार से रीता की मौके पर ही मौत हो गई।

हत्या के बाद आरोपी ने की खुदकुशी

पत्नी की हत्या के बाद गहरे तनाव और पछतावे में डूबा राजेंद्र, जो कि अपने गुनाह की जिम्मेदारी नहीं संभाल सका, उसने अपनी ही पत्नी की साड़ी का फंदा बनाकर जंगल में ही फांसी लगा ली और अपनी जान दे दी। इस तरह दोनों की जिंदगी एक ही दिन में दुखद अंत को पहुंच गई।

पुलिस जांच में जुटी

पुलिस को इस घटना की जानकारी करीब शाम 4 बजे मिली, जिसके तुरंत बाद पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि विवाद की वजह क्या थी और इस दुखद घटना के पीछे कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक कालू सिंह ने बताया कि इस तरह के आत्महत्या और घरेलू हिंसा के मामलों को रोकने के लिए समुदाय में जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले की जांच में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और जल्द ही घटना के सभी पहलुओं का खुलासा करेगी।

सामाजिक पहलुओं पर सवाल

इस घटना ने सोनभद्र जिले में घरेलू हिंसा और मानसिक तनाव की गंभीरता पर फिर से सवाल उठाए हैं। जंगल में आमदनी के लिए निकले पति-पत्नी के बीच छोटे-छोटे मतभेदों का यह परिणाम परिवार और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय है। ग्रामीण इलाकों में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और घरेलू विवादों का बढ़ना, इस तरह की घटनाओं के बढ़ने की वजह बन सकता है।

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने ग्रामीणों को सावधानी बरतने और आपसी समझदारी से विवादों को सुलझाने की अपील की है। साथ ही पुलिस ने भी खुदकुशी और घरेलू हिंसा के मामलों में तेजी से हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया है।

निष्कर्ष

सोनभद्र की यह दुखद घटना हमें याद दिलाती है कि छोटे-छोटे विवाद भी जीवन को जहर बना सकते हैं अगर उन्हें समय रहते नहीं सुलझाया गया। घरेलू हिंसा और मानसिक तनाव से निपटने के लिए परिवार और समाज को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है ताकि इस तरह की त्रासद घटनाएं कम हों और हर कोई सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सके।

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