Next Story
Newszop

जावेद अख्तर ने रचनात्मक स्वतंत्रता को बाजारवाद से बचाने के लिए मजबूत तंत्र बनाने का किया आग्रह

Send Push

नई दिल्ली, 29 अप्रैल . फिक्की ने नई दिल्ली में ‘आईपी एंड म्यूजिक: फील द बीट ऑफ आईपी’ सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें प्रसिद्ध गीतकार एवं भारतीय फॉर्मिंग राइट सोसाइटी (आईपीआरएस) के अध्यक्ष जावेद अख्तर ने रचनात्मक स्वतंत्रता को बाजारवाद से बचाने के लिए मजबूत तंत्र बनाने का आग्रह किया.

अख्तर ने चेतावनी दी कि कॉरपोरेटाइजेशन ने एक ऐसी व्यवस्था बनाई है, जहां रचनात्मकता के लिए जगह कम होती जा रही है क्योंकि मार्केटिंग विभाग कलात्मक विकल्पों को निर्धारित करते हैं.

अख्तर ने कहा कि रचनात्मकता और बाजार के बीच संतुलन होना चाहिए. उन्होंने कहा, “आप बाजार के आदेश का पालन कर रहे हैं, तो आप किस तरह के मार्केटिंग व्यक्ति हैं? कोई रचनात्मकता नहीं है, कोई प्रयोग नहीं है, कोई साहस नहीं है.”

अख्तर ने बताया कि 2017 में कानून संशोधन के बाद आईपीआरएस ने लोगों को एक नया मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि 2017 में आईपीआरएस की आय 42 करोड़ रुपये थी, जो इस साल 730 करोड़ रुपये पार कर गई और जल्द ही एक हजार करोड़ तक पहुंच जाएगी.

संस्कृति मंत्रालय के सचिव विवेक अग्रवाल ने कई नए पहलों की घोषणा की, जिनमें स्पोटिफाई और यू-ट्यूब जैसे डिजिटल मंचों से एकाग्र कर पारंपरिक संगीत को बढ़ावा देना शामिल है. साथ ही पारंपरिक वाद्ययंत्रों को भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग योजना भी साझा की गई. इसमें आईपीआर पंजीकरण में क्षेत्रीय कलाकारों को सहायता देना, सांस्कृतिक उद्योगों में विशेष सेल बनाना शामिल है.

फिक्की-आईपीआर समिति के अध्यक्ष अनिल राजपूत ने बताया कि एक दशक की मेहनत के बाद विश्व शेयर बाजार संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के साथ आईपी फॉर बिजनेस सेंटर की स्थापना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ है.

सम्मेलन में डिजिटल युग में आईपी लागू करने का अनावरण भी किया गया और पुलिस अधिकारियों के लिए एक नया आईपी प्रवर्तन टूलकिट पेश किया गया.

—————

/ अनूप शर्मा

Loving Newspoint? Download the app now