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अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती पर असम में राज्यव्यापी समारोह आयोजित होंगे

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गुवाहाटी, 18 मई . महान शासक, समाज सुधारक एवं भारत की सांस्कृतिक विरासत की प्रतीक अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में भाजपा असम प्रदेश ने राज्यभर में व्यापक कार्यक्रम आयोजित करने की घोषणा की है. यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे समारोहों के अनुरूप होगा.

इस ऐतिहासिक अवसर पर विचार-विमर्श हेतु रविवार को भाजपा असम प्रदेश मुख्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी भवन में एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने की.

इस कार्यशाला में भाजपा के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश, राष्ट्र सेविका समिति की वरिष्ठ सदस्य एवं समाज सुधारक रिम्की भगवती, गुवाहाटी की सांसद बिजुली कलिता मेधी, भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री जीआर रवींद्र राजू, प्रदेश उपाध्यक्ष रेखारानी दास बोड़ो, वरिष्ठ नेता विश्वरूप भट्टाचार्य सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे.

भाजपा प्रवक्ता रंजीब कुमार शर्मा ने बताया कि 21 मई से 31 मई तक पूरे असम के जिलों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. इन आयोजनों के माध्यम से अहिल्याबाई होलकर के जीवन, मूल्यों और योगदान को स्मरण किया जाएगा. उन्होंने कहा, काशी विश्वनाथ और सोमनाथ जैसे तीर्थों के जीर्णोद्धार से लेकर सामाजिक सुधारों और समावेशी शासन तक, अहिल्याबाई होलकर का योगदान भारतीय इतिहास को गौरव से आलोकित करता है.

प्रदेश अध्यक्ष दिलीप सैकिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, भारत माता की सेवा में जीवन समर्पित करने वाली महान नारियों में अहिल्याबाई होलकर का स्थान सर्वोपरि है. उनके सुशासन, नैतिक नेतृत्व और गहन धार्मिक आस्था ने मंदिरों के पुनर्निर्माण, सामाजिक सुधार और महिला सशक्तिकरण की अनूठी परंपरा को जन्म दिया.

उन्होंने यह भी बताया कि अहिल्याबाई होलकर ने मंदिरों, धर्मशालाओं, घाटों के निर्माण और शिक्षा के प्रचार-प्रसार में जो योगदान दिया, वह भारतीय सभ्यता की अमूल्य धरोहर बन चुका है.

राष्ट्र सेविका समिति की वरिष्ठ सदस्य रिम्की भगवती ने अपने वक्तव्य में अहिल्याबाई होलकर को लोकमंगलकारी शासन की सजीव मूर्ति बताया. उन्होंने उनके द्वारा गठित 500 महिला योद्धाओं की सेना का उल्लेख करते हुए कहा कि वह भारत में महिला सशक्तिकरण की प्रारंभिक और प्रभावशाली प्रतीक रही हैं.

भाजपा के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव शिव प्रकाश ने अपने संबोधन में अहिल्याबाई के समावेशी दृष्टिकोण की तुलना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों से करते हुए कहा कि जैसे 300 वर्ष पूर्व अहिल्याबाई ने समाज के हर वर्ग को साथ लेकर शासन चलाया, वैसे ही प्रधानमंत्री मोदी आज उस परंपरा को आधुनिक संदर्भों में आगे बढ़ा रहे हैं.

इस कार्यशाला के माध्यम से भाजपा ने यह संदेश दिया कि पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होलकर की स्मृति न केवल इतिहास का गौरव है, बल्कि आज के भारत के लिए प्रेरणा स्रोत भी है.

/ श्रीप्रकाश

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