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आतंक को उनकी ही भाषा में दिया जाए जवाब

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अजमेर, 23 अप्रेल . पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह से जुड़े दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन और दरगाह दीवान के उत्तराधिकारी नसीरुद्दीन, अंजुमन के सचिव सरवर चिश्ती, खादिम सलमान चिश्ती आदि ने बयान जारी कर कहा कि इस्लाम में बेगुनाह को मारने की कोई इजाजत नहीं है. भारत सरकार आतंक को उनकी ही भाषा में जवाब दे. आतंकियों को चुन चुन कर मारने की जरूरत है. इन्हें जड़ से खत्म करने की जरूरत है अब वक्त आ गया है.

सभी खादिमों और दरगाह दीवान ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे इंसान ही नहीं इंसानियत के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा कि आतंकी का कोई मजहब नहीं है. उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब देने की जरूरत है. आज जब कश्मीर में लोग अमन चैन से रह रहे हैं. वहां की रोजी रोटी पर्यटकों के बूते ही चलती है ऐसे में आतंकियों ने जो कृत्य किया है उससे कश्मीर की आवाम को भी रोजी रोटी का संकट हो सकता है. यह हमला बेहद निंदनीय है इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है.

देवनानी ने की कड़ी निंदा:

राजस्थान के विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में जिस तरह से आतंकियों ने नाम पूछकर, धर्म पूछकर हमला किया उसे क्षमा नहीं किया जा सकता. इसकी निंदा जितनी की जाए वह कम है. कश्मीर में जिस तरह से पर्यटन बढ़ रहा है वह आतंकियों को रास नहीं आ रहा हैं आतंकियों को शह देने वालों को जड़ से ही खत्म करना चाहिए. इस बार आर पार की लड़ाई लड़कर इस आतंक को हमेशा के लिए क्षमा करना हैं. देश में साथ देने वाले उनके समर्थकों के खिलाफ भी कार्रवाई करनी होगी. यह दर्दनाक व अमानवीय घटना है. परिवारजनों के प्रति मेरी संवेदना है जिन्होंने भी अपनों की जान इस घटना में गंवाई है.

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/ संतोष

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