लखनऊ, 02 मई . संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश लोक कलाओं के संरक्षण, संवर्धन एवं उनके प्रदर्शन हेतु निरन्तर कार्य कर रहा है. संस्कृति विभाग के वेबसाइट पर प्रदर्शित कलाकार ई-डायरेक्टरी में उत्तरप्रदेश के संस्कृति कर्मी, विभिन्न विधाओं के अनुभवी, पारंगत एवं प्रशिक्षित अथवा उपाधि धारक कलाकार कला संगीत साहित्य की विभिन्न विधाओं में पंजीकरण करा सकते हैं. संस्कृति विभाग में लोकगीत, लोक नृत्य, शास्त्रीय-उपशास्त्रीय गायन, वादन-नृत्य सुगम संगीत, कठपुतली, जादू, रामलीला, रासलीला, भजन-कीर्तन, गजल आदि आंचलिक बोलियों तथा हिन्दी व उर्दू के कवि एवं शायर अपना पंजीकरण करा सकते हैं. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी.
उन्होंने बताया कि कलाकार ई-डायरेक्टरी में पहले से पंजीकृत कलाकार, वर्तमान तथा भवष्यि में पंजीकृत होने वाले कलाकारों को संस्कृति विभाग द्वारा ग्रेड-1, ग्रेड-2 व ग्रेड-3 तीन श्रेणियों उनके अनुभव, दक्षता, कार्यकुशलता एवं विषय प्रदर्शन के आधार पर वर्गीकृत किया जायेगा. इस वर्गीकरण का आधार उनका मानदेय होगा. वर्गीकरण हेतु भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय द्वारा गठित विषय विशेषज्ञों की समिति एवं संस्कृति विभाग द्वारा निदेशक, उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा आडीशन के माध्यम से किया जायेगा.
जयवीर सिंह ने बताया कि कलाकारों/कवियों के पंजीकरण हेतु यह विशेष अभियान 05 मई, 2025 से 30 जून 2025 तक चलाया जायेगा. जुलाई 2025 में आडीशन की प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी. इसके अतिरिक्त बेसिक पंजीकरण वर्ष भर चलता रहेगा. परन्तु वर्गीकरण हेतु आडीशन त्रैमासिक होगा. संस्कृति विभाग द्वारा पंजीकृत कवियों/कलाकारों को ही कार्यक्रमों प्रदर्शन हेतु आमंत्रित किया जायेगा. कलाकार/कवि अपना पंजीकरण संस्कृति विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध कलाकार पंजीकरण लिंक के माध्यम से कर सकते हैं.
/ बृजनंदन
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