नई दिल्ली, 28 जुलाई (Udaipur Kiran) । देश में ई-श्रम पोर्टल पर 22 जुलाई, 2025 तक 30.95 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिक पंजीकृत हो चुके हैं। इस पोर्टल का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को स्व-घोषणा के आधार पर एक सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) प्रदान करके उनका पंजीकरण और सहायता करना है।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने 26 अगस्त, 2021 को आधार से जुड़े असंगठित श्रमिकों (एनडीयूडब्ल्यू) का एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने के लिए ई-श्रम पोर्टल (eshram.gov.in) की शुरूआत की थी।
उन्होंने सदन को बताया कि अब तक विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों/विभागों की चौदह 14 योजनाओं को पहले ही ईश्रम के साथ एकीकृत/मैप किया जा चुका है, ताकि ईश्रम कार्डधारकों को सामाजिक सुरक्षा, बीमा अथवा कौशल विकास कार्यक्रमों के लाभ और पहुंच प्रदान की जा सके, जिसमें प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएमस्वनिधि), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई), प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई), राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना (एनएफबीएस), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, (एमजीएनआरईजीएस), प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण (पीएमएवाई-जी), आयुष्मान भारत, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई), प्रधानमंत्री आवास योजना, शहरी (पीएमएवाई-यू), प्रधान मंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई), प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना (पीएम-केएमवाई), वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) शामिल हैं।
इसके अलावा ई-श्रम को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम), राष्ट्रीय करियर सेवा (एनसीएस), स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच), नए युग के शासन के लिए एकीकृत मोबाइल एप्लिकेशन (उमंग), डिजिटल लॉकर (डिजिलॉकर), माईस्कीम और ओपन गवर्नमेंट डेटा प्लेटफॉर्म (ओजीडी) के साथ भी जोड़ा गया है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
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