लखनऊ, 09 नवम्बर (Udaipur Kiran) . केंद्र सरकार द्वारा 15 लाख टन चीनी के निर्यात को मंजूरी देने और शीरा (मोलासिस) के निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क घटाने के निर्णय का स्वागत योग्य है. यह कदम किसानों और चीनी उद्योग दोनों के हित में है और इससे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी. यह बातें राष्ट्रीय लोकदल Uttar Pradesh व्यापार प्रकोष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कही.
व्यापार प्रकोष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष ने sunday को जारी अपने बयान में कहा कि सरकार के इस निर्णय से चीनी मिलों की आर्थिक क्षमता बढ़ेगी, जिससे वे गन्ना किसानों को समय पर भुगतान करने में सक्षम होंगी. पिछली सरकारों के कार्यकाल में भुगतान वर्षों तक लम्बित रहता था, परंतु वर्तमान सरकार की नीति त्वरित भुगतान को बढ़ावा देती है, जो निश्चित रूप से सराहनीय है.
उन्होंने कहा कि शीरा निर्यात पर शुल्क कम होने से Indian शीरा व्यापार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में नई प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मिलेगी और निर्यात मांग में वृद्धि होगी. इसका सीधा लाभ चीनी मिलों और किसानों दोनों को प्राप्त होगा. पिछले वर्ष गन्ना उत्पादन अधिक होने के बावजूद सरकार ने समय पर भुगतान सुनिश्चित किया था और इस वर्ष भी अधिकांश भुगतान पूरा किया जा चुका है. यह इस बात का प्रमाण है कि सरकार किसानों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध है.
रोहित अग्रवाल ने कहा कि मेरा मानना है कि इस निर्णय से देश के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होगी और चीनी उद्योग की वित्तीय स्थिरता भी बढ़ेगी. जब उद्योग के पास पर्याप्त तरलता होगी, तो गन्ना मूल्य में सुधार संभव होगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नकदी प्रवाह से रोजगार व आय के अवसर बढ़ेंगे. यह नीति केवल किसानों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे ग्रामीण और औद्योगिक ढांचे के लिए लाभकारी सिद्ध होगी.
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(Udaipur Kiran) / मोहित वर्मा
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