महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने सबका ध्यान खींच लिया है। उन्होंने कहा, “मैं केवल मटन हांडी का निमंत्रण स्वीकार करता हूं।” ये बात सुनकर लोग हैरान हैं कि आखिर जन्माष्टमी जैसे पवित्र त्योहार पर राज ठाकरे ने ऐसा क्यों कहा? उनके इस बयान के पीछे की वजह और इसका मकसद क्या है, आइए जानते हैं।
जन्माष्टमी पर क्यों उठा विवाद?कृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का पावन पर्व, पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग दही हांडी और भक्ति भजनों में डूबे रहते हैं। लेकिन राज ठाकरे का ये बयान, जिसमें उन्होंने ‘मटन हांडी’ की बात की, ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है। उनके समर्थकों का कहना है कि ये एक मजेदार अंदाज में दिया गया बयान है, जो उनके बेबाक व्यक्तित्व को दर्शाता है। वहीं, कुछ लोग इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़कर देख रहे हैं और इसकी आलोचना कर रहे हैं।
राज ठाकरे का बयान और उसका मकसदराज ठाकरे ने मुंबई में एक सभा के दौरान ये बात कही। उन्होंने हंसते हुए कहा कि जन्माष्टमी पर लोग उन्हें दही हांडी के लिए बुलाते हैं, लेकिन उनकी पसंद कुछ अलग है। “मुझे दही हांडी से ज्यादा मटन हांडी पसंद है। अगर कोई मुझे इसके लिए बुलाएगा, तो मैं जरूर जाऊंगा,” उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा। उनके इस बयान को कुछ लोग उनकी हाजिरजवाबी और बिंदास अंदाज से जोड़ रहे हैं, जबकि कुछ इसे धार्मिक संदर्भ में गलत मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर मचा बवालजैसे ही राज ठाकरे का ये बयान सामने आया, सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई। ट्विटर और फेसबुक पर उनके समर्थकों ने इसे उनके बेबाकी भरे अंदाज की मिसाल बताया, तो कुछ यूजर्स ने इसे जन्माष्टमी जैसे पवित्र त्योहार का अपमान करार दिया। एक यूजर ने लिखा, “राज ठाकरे को अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।” वहीं, उनके एक समर्थक ने जवाब दिया, “ये तो बस मजाक था, इसे इतना गंभीर क्यों लिया जा रहा है?”
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