Uttarakhand News : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन दिनों दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के साथ लगातार मुलाकात कर रहे हैं। उनका मकसद साफ है—राज्य के विकास को गति देना और उत्तराखंड को बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए देश के नक्शे पर और मजबूती से स्थापित करना।
बीते दिन जहां उन्होंने केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात कर रेल परियोजनाओं पर चर्चा की, वहीं आज 29 अप्रैल 2025 को उनकी मुलाकात केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से हुई। इस मुलाकात में उत्तराखंड की हवाई कनेक्टिविटी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श हुआ। लेकिन सवाल यह है कि आखिर सीएम धामी की यह मुहिम उत्तराखंड के लिए कितना बड़ा बदलाव ला सकती है?
हवाई कनेक्टिविटी
मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू के साथ बैठक में उत्तराखंड में हवाई सेवाओं के विस्तार पर जोर दिया। खास तौर पर देहरादून के जॉली ग्रांट और कुमाऊं के पंतनगर हवाई अड्डों के विस्तारीकरण को लेकर चर्चा हुई। धामी ने बताया कि इन दोनों हवाई अड्डों पर लंबे समय से काम चल रहा है, लेकिन अब इसे तेज करने की जरूरत है। देहरादून का जॉली ग्रांट हवाई अड्डा उत्तराखंड की राजधानी का एकमात्र हवाई अड्डा है, और पंतनगर कुमाऊं क्षेत्र का सबसे बड़ा हवाई अड्डा। इनके विस्तार से न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि पर्यटकों की आवाजाही भी बढ़ेगी।
सीमांत जिलों को दिल्ली से जोड़ने की मांग
सीएम धामी ने पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जैसे सीमांत जिलों को हवाई सेवाओं से जोड़ने की मांग उठाई। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि ये दोनों जिले सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं। इन क्षेत्रों में सेना की गतिविधियां भी होती हैं, और हवाई पट्टियों का विस्तार न केवल सामरिक जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भी फायदा पहुंचाएगा। धामी ने सुझाव दिया कि पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी की हवाई पट्टियों से दिल्ली के लिए नियमित उड़ानें शुरू की जाएं। इसके अलावा, धारचूला और मुनस्यारी जैसे दूरदराज के इलाकों को भी हवाई सेवाओं से जोड़ने की बात कही गई।
आपदा प्रबंधन और पर्यटन को मिलेगा बल
उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है, जहां प्राकृतिक आपदाएं समय-समय पर चुनौतियां खड़ी करती हैं। मुख्यमंत्री धामी ने इस मुलाकात में आपदा प्रबंधन में हवाई कनेक्टिविटी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मजबूत हवाई नेटवर्क न केवल आपदा के समय राहत कार्यों को तेज करेगा, बल्कि प्रभावित क्षेत्रों तक जल्दी मदद पहुंचाने में भी सहायक होगा। साथ ही, बेहतर हवाई सेवाएं चार धाम यात्रा और अन्य पर्यटन स्थलों पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यात्रा को और सुगम बनाएंगी। धामी ने केंद्रीय मंत्री को चार धाम यात्रा का न्योता देकर उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक खूबसूरती को देखने का आग्रह भी किया।
क्यों जरूरी है यह पहल?
उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में सड़क और रेल मार्गों के विकास में भौगोलिक चुनौतियां हमेशा से बाधा रही हैं। ऐसे में हवाई कनेक्टिविटी न केवल समय बचाती है, बल्कि विकास की नई संभावनाओं को भी खोलती है। सीमांत क्षेत्रों में हवाई सेवाओं का विस्तार न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी महत्वपूर्ण साबित होगा। धामी की यह कोशिश उत्तराखंड को देश के अन्य हिस्सों से और करीब लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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