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बच्चे से बुजुर्ग तक उठी एक ही मांग, आतंकियों को मिले ऐसी सजा जो दुनिया रखे याद

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Dehradun News : 25 अप्रैल 2025 को देहरादून के पटेल नगर में एक भावुक और शक्तिशाली कैंडल मार्च निकाला गया। यह मार्च कश्मीर में हिंदू यात्रियों पर हुए आतंकी हमले के विरोध में आयोजित किया गया, जिसमें दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल पटेल नगर इकाई, गुरुद्वारा पटेल नगर, और श्याम सुंदर मंदिर के सदस्यों ने मिलकर हिस्सा लिया।

स्क्वेयर डील पेट्रोल पंप से शुरू हुआ यह मार्च गुरुद्वारे के पास समाप्त हुआ। बच्चों, महिलाओं और व्यापारियों सहित हर वर्ग के लोग इस मार्च में शामिल हुए, जिनके चेहरों पर गुस्सा और शोक साफ झलक रहा था। मोमबत्तियों की रोशनी के बीच, यह मार्च न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि था, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक भी बना।

आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश

दून वैली महानगर उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष अमरदीप सिंह ने इस मौके पर अपनी बात रखते हुए भारत सरकार से आतंकवादियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, "ऐसी सजा दी जाए कि कोई भी भारत की ओर आंख उठाकर न देखे।" उनकी आवाज में दृढ़ता थी, जो उपस्थित लोगों के बीच जोश भर रही थी।

उपाध्यक्ष हरीश वीरमानी ने भी पटेल नगर वासियों की एकजुटता की सराहना की और भविष्य में भी इसी तरह सक्रिय भागीदारी की अपील की। यह एकता न केवल सामुदायिक ताकत को दर्शाती है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद भी जगाती है।

सामाजिक जिम्मेदारी का आह्वान

श्याम सुंदर मंदिर के महामंत्री गोविंद मोहन ने अपने संबोधन में हिंदू समुदाय से एकजुट रहने की बात कही। उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे अपने क्षेत्र में असामाजिक तत्वों को किराए पर जगह न दें। यह बयान सामुदायिक सुरक्षा और जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है। वहीं, गुरुद्वारा पटेल नगर के प्रधान हरमिंदर सिंह ने कश्मीर में मासूम हिंदुओं की हत्या पर गहरा दुख जताया और शांति की प्रार्थना की। उनकी यह भावना उपस्थित लोगों के दिलों को छू गई।

बच्चों में संस्कृति और धर्म का ज्ञान

पटेल नगर मंदिर के प्रधान अवतार मुनियाल ने माताओं और बहनों से बच्चों को हिंदू धर्म और संस्कृति का ज्ञान देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, "हमारी नई पीढ़ी को अपने धर्म और मूल्यों की समझ होनी चाहिए, ताकि वे मजबूत और जागरूक बन सकें।" यह संदेश न केवल धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक एकता को भी मजबूत करता है।

सामुदायिक सहभागिता और भविष्य की उम्मीद

इस कैंडल मार्च में राम सिंह, मनोज सूरी, मोनू चांदना, प्रवीण माटा, सचिन कथूरिया, हरीश आनंद, दीपक चांदना, बलजीत सिंह, प्रभजीत सिंह, तुषार खंडूजा, नीलू साहनी जैसे कई प्रमुख व्यापारी और स्थानीय लोग शामिल हुए। यह आयोजन न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का माध्यम बना, बल्कि समाज में एकता और जागरूकता का संदेश भी दे गया। देहरादून के इस प्रयास ने एक बार फिर साबित किया कि जब समाज एकजुट होता है, तो वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।

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