क्या आप अपने बचत खाते में जमा पैसे पर सिर्फ 2-3% ब्याज से संतुष्ट हैं? अगर नहीं, तो आपके लिए एक शानदार खबर है! अब आप अपने सेविंग अकाउंट में ही फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) जैसा ब्याज कमा सकते हैं, वो भी बिना अपनी तरलता खोए। यह संभव है स्वीप-इन-एफडी की मदद से, जो आपके पैसे को सुरक्षित रखते हुए बेहतर रिटर्न देती है। आइए, इस खास सुविधा को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि आप इसे कैसे शुरू कर सकते हैं। (Savings Account)
स्वीप-इन-एफडी: आपकी बचत का स्मार्ट साथीस्वीप-इन-एफडी एक ऐसी सुविधा है, जो आपके बचत खाते को और भी फायदेमंद बनाती है। इस ऑटो-स्वीप सर्विस में, अगर आपके खाते में एक निश्चित सीमा से ज्यादा राशि जमा होती है, तो अतिरिक्त पैसा अपने आप फिक्स्ड डिपॉजिट में बदल जाता है। इससे आपको FD की ऊंची ब्याज दर (Bank FD Rates) का लाभ मिलता है, जबकि आपका पैसा बचत खाते की तरह ही आसानी से उपलब्ध रहता है। जरूरत पड़ने पर आप इसे कभी भी निकाल सकते हैं, हालांकि कुछ बैंकों में मामूली पेनल्टी देनी पड़ सकती है। यह सुविधा उन लोगों के लिए वरदान है, जो अपनी बचत पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, लेकिन पैसे की तुरंत जरूरत पड़ने की स्थिति में लचीलापन भी चाहते हैं।
कैसे काम करती है स्वीप-इन-एफडी?स्वीप-इन-एफडी का कॉन्सेप्ट बेहद सरल और उपयोगी है। आप अपने बैंक में जाकर इस सुविधा को अपने बचत खाते के साथ जोड़ सकते हैं। इसके लिए आपको एक न्यूनतम सीमा तय करनी होती है, जैसे 50,000 रुपये। अगर आपके खाते में इससे ज्यादा राशि जमा होती है, तो अतिरिक्त पैसा स्वचालित रूप से FD में चला जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपके खाते में 80,000 रुपये हैं और न्यूनतम सीमा 50,000 रुपये है, तो 30,000 रुपये FD में चले जाएंगे। इस राशि पर आपको 6-9% की ब्याज दर मिलेगी, जो सामान्य बचत खाते से कहीं ज्यादा है। जरूरत पड़ने पर आप FD को तोड़े बिना पैसा निकाल सकते हैं, और बाकी राशि पर ब्याज मिलता रहेगा। (Sweep-in-FD)
अवधि और ब्याज दरें: हर बैंक, अलग नियमहर बैंक स्वीप-इन-एफडी के लिए अलग-अलग नियम और ब्याज दरें तय करता है। आमतौर पर, FD की अवधि 1 साल से 5 साल तक हो सकती है, और ब्याज दरें 6% से 9% के बीच होती हैं। कुछ बैंक न्यूनतम राशि के लिए 10,000 रुपये की सीमा रखते हैं, जबकि कुछ में यह ज्यादा हो सकती है। अगर आप FD से पहले पैसा निकालते हैं, तो 0.5% से 1% तक की पेनल्टी (Penalty) देनी पड़ सकती है, जो बैंक के नियमों पर निर्भर करता है। इसलिए, इस सुविधा को शुरू करने से पहले अपने बैंक से पूरी जानकारी लेना जरूरी है। यह सुनिश्चित करेगा कि आप अपनी जरूरतों के हिसाब से सही प्लान चुन सकें। (FD Interest Rates)
स्वीप-इन-एफडी के फायदेस्वीप-इन-एफडी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह आपके पैसे को बिना किसी अतिरिक्त मेहनत के बढ़ाने का मौका देती है। आपको बार-बार FD बनाने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि यह प्रक्रिया ऑटोमैटिक है। साथ ही, आपका पैसा सुरक्षित रहता है, और जरूरत पड़ने पर तुरंत उपलब्ध भी होता है। यह उन लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जो अपनी बचत को बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन FD की सख्त शर्तों में नहीं बंधना चाहते। चाहे आप एक नौकरीपेशा व्यक्ति हों, व्यवसायी हों, या रिटायर्ड हों, यह सुविधा आपके वित्तीय लक्ष्यों को आसान बनाती है। (Bank Savings)
कैसे शुरू करें स्वीप-इन-एफडी?स्वीप-इन-एफडी शुरू करना बेहद आसान है। आपको बस अपने बैंक की शाखा में जाना होगा या ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए इस सुविधा को एक्टिवेट करना होगा। कुछ बैंक, जैसे SBI, HDFC, और ICICI, इस सुविधा को अपने मोबाइल ऐप के जरिए भी ऑफर करते हैं। आपको न्यूनतम सीमा, FD की अवधि, और ब्याज दरों के बारे में फैसला करना होगा। अगर आप बैंकिंग में नए हैं, तो अपने बैंक मैनेजर से सलाह ले सकते हैं। यह सुविधा शुरू करने में ज्यादा समय नहीं लगता, और एक बार शुरू होने के बाद यह आपके पैसे को अपने आप बढ़ाने का काम शुरू कर देती है। (Auto-Sweep Facility)
अपनी बचत को बनाएं स्मार्टस्वीप-इन-एफडी आपके बचत खाते को एक स्मार्ट इनवेस्टमेंट टूल में बदल देती है। यह सुविधा आपको FD जैसा ब्याज कमाने का मौका देती है, वो भी बचत खाते की लचीलापन के साथ। अगर आप अपनी बचत पर ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, लेकिन अपने पैसे को लॉक नहीं करना चाहते, तो स्वीप-इन-एफडी आपके लिए एकदम सही है। आज ही अपने बैंक से संपर्क करें और इस सुविधा को शुरू करें।
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